संतान गोपाल मंत्र | पुत्र प्राप्ति मंत्र | Santana Gopala Mantra | Putra Prapti Mantra

Lyrics : ॥ देवकी सूत गोविंद वासुदेव जगतपते देहिमे तनय कृष्ण त्वाहम शरणगते ॥ ॥ Devakisut Govind Vasudev Jagatpate Dehime Tanay Krishnam Tvaham Sharan Gate ॥ संतान गोपाल मन्त्र का जप कैसे करें : • संतान गोपाल मन्त्र का जप श्री कृष्ण जन्माष्टमी अथवा किसी शुभ मुहूर्त में ही प्रारम्भ करना चाहिए। • पाठ का प्रारम्भ किसी सुयोग्य ब्राह्मण द्वारा श्रद्धापूर्वक करवाना चाहिए यदि ऐसा संभव नही हो तो जातक स्वयं प्रारम्भ करना चाहिए। स्वयं पाठ करना अति श्रेष्ठकर माना जाता है। • मन्त्र जप से पहले विनियोग, अंगन्यास तथा ध्यान करना चाहिए तदुपरांत बीज मंत्र का जप करना चाहिए। 1. विनियोग :- श्री सन्तानगोपालमंत्रस्य श्री नारद ऋषिः, अनुष्टुप छन्दः श्री कृष्णो देवता गलौं बीजं नमः शक्ति पुत्रार्थे जपे विनियोगः। 2. अंगन्यास :- देवकीसुत गोविन्द हृदयाय नमः, वासुदेव जगतपते, शिरसे स्वाहा, देहि में तनयं, कृष्ण शिखायै वषट, त्वामहं शरणम् गतः कवचाय हुम्, ॐ नमः अस्त्राय फट।। 3. ध्यान :- निम्न मंत्रो का ध्यान जप के साथ करना चाहिए। वैकुण्ठादागतं कृष्णं रथस्य करुणानिधिम्। किरीटसारथिम् पुत्रमानयन्तं परात्परम्। आदाय तं जलस्थं च गुरवे वैदिकाय च। अपर्यन्तम् महाभागं ध्यायेत् पुत्रार्थमच्युतम्।। 4. बीज मन्त्र :- ॐ श्रीं ह्रीं क्लीं ग्लौं देवकीसुत गोविन्द वासुदेव जगत्पते। देहि मे तनयं कृष्ण त्वामहं शरणं गत:।। ऊपर बताये गए विधियों के अनुसार • सन्तान गोपाल मन्त्र का जप तब तक करनी चाहिए जब तक आपकी मनोकामना की पूर्ति न हो जाए। • मन्त्र जप के लिए तुलसी के माला का ही प्रयोग करना चाहिए। • प्रतिदिन एक या दो माला का जप अवश्य करनी चाहिए। • कुल सवा लाख मन्त्र जप करने का विधान है। • मन्त्र जप पूरा होने पर &
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