Tungonath Temple | जानिए विश्व में सबसे अधिक ऊंचाई पर स्थित शिव मंदिर की नाम
तुंगनाथ मन्दिर विश्व में सबसे अधिक ऊँचाई पर स्थित शिव मन्दिर है ।
पंचकेदारों में से एक तुंगनाथ मंदिर का महत्व अन्य चार केदारों में से अधिक है क्योंकि यह स्थान भगवान शिव के साथ-साथ मां पार्वती ,भगवान श्री राम, रावण से भी जुड़ा हुआ है ।
ऐसा माना जाता है की इस मंदिर का निर्माण पाण्डवों द्वारा भगवान शिव को प्रसन्न करने के लिए किया गया था ।
महाभारत के युद्ध के बाद पांडव अपने ही भाइयों को मारने के दोष स्वरूप काफी व्याकुल थे इस व्याकुलता को लेकर वह महर्षि वेदव्यास के पास गए ।
तब वेदव्यास ने पांडवों को बताया कि उन्हें ब्रह्म हत्या के पाप से केवल भगवान से भी बचा सकते हैं और उन्होंने पांडवों को भगवान शिव से मिलने के लिए कहा।
पांडव भगवान शिव को ढूंढने के लिए हिमालय पर्वत तक जा पहुंचे लेकिन भगवान पांडवों से नाराज थे और उन्होंने पांडवों को आता देख भैसे का रूप धारण कर लिया और भैसे के झुंड के बीच में चले गए ।
जब पांडवों ने भैसे के झुंड को देखा तो भीम ने भगवान शिव को पहचान लिया और उनका पीछा किया। भीम ने अपना विशाल रूप धारण कर 2 पहाड़ों पर अपने पैर फैला दिये, सभी पशु भीम के पैरों के नीचे से निकल गए लेकिन भैसे का रूप धारण किए भगवान शिव भीम के पैरों के नीचे से नहीं गए , और अंतर्ध्यान होने लगे, तभी भीम ने भैसें के पीठ का भाग पकड़ लिया। तभी से केदारनाथ में भगवान शिव के बैल या भैसे की पीठ की आकृति के रूप में पूजा की जाती है ।
जब भगवान शिव अंतर्ध्यान हुए तो तो उनकी भुजाएँ तुंगनाथ में, मुख रुद्रनाथ में, नाभि मध्यमहेश्वर में और जटाएं कल्पेश्वर् में प्रकट हुई।
इस तरह भगवान शिव के पांच जगहों पर अपने शरीर को छोड़ा जो कि “पंच केदार”
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1 year ago 00:02:11 1
Tungonath Temple | जानिए विश्व में सबसे अधिक ऊंचाई पर स्थित शिव मंदिर की नाम