सिद्धकुंजिकास्तोत्रम् | Siddh Kunjika Stotram | Durga Stotram | Madhvi Madhukar Jha

॥ सिद्धकुञ्जिकास्तोत्रम् ॥ शिव उवाच शृणु देवि प्रवक्ष्यामि, कुञ्जिकास्तोत्रमुत्तमम्। येन मन्त्रप्रभावेण चण्डीजापः शुभो भवेत॥1॥ न कवचं नार्गलास्तोत्रं कीलकं न रहस
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